Gurugram Metro New Update: ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो रूट को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आ रही है, बता दे कि 42 सड़कों को मानसून में जल भराव की स्थिति से बचने की तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गई है। वर्ल्ड बैंक की तरफ से नियुक्त किए गए एक सर्वे की रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। कंपनी की तरफ से सुझाव दिया गया है कि इन सड़कों के साथ लगते हरित क्षेत्र को 300mm तक नीचा किया जाए। आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले है।
गुरुग्राम वासियों के लिए जरूरी खबर
कंपनी की तरफ से करीब 113 किलोमीटर लंबी सड़कों पर बरसाती पानी के निकासी का पर्याप्त बंदोबस्त का सुझाव दिया गया है, इस फैसले से मेट्रो निर्माण और संचालन के दौरान पैदल चलने वाले यात्रियों और वाहन चालकों को किसी प्रकार की कोई भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। जानकारी देते हुए बताया गया कि अरावली पर्वत श्रृंखला के बारिश का पानी काफी मात्रा में ओल्ड गुरुग्राम की तरफ बरसाती नाला नंबर 1, 2 और बादशाहपुर नाले के माध्यम से ही जाता है।
जलभराव की स्थिति से बढ़ जाती परेशानियां
अरावली से दिल्ली के नजफगढ़ नाले तक 230 फीट नीचे है, ऐसे में पानी की गति भी काफी तेज होती है। इसके विपरीत, पानी की निकासी की रफ्तार कम होने की वजह से सड़कों पर जल भराव की स्थिति पैदा हो जाती है। अब इस स्थिति से निपटने के लिए जोरों- शोरों से तैयारी की जा रही है। पिछले साल मानसून में सुभाष चौक पर भारी जल भरा हुआ था, सेंट्रल पार्क सोसाइटी के पास भी दो से ढाई फीट तक पानी भर गया था। मालिबू टाउन में भी इस तरह की परेशानियों का ही सामना करना पड़ा था, अब यह परेशानियां दूर होने वाली है।
पिछले 5 सालों से नहीं सुलझा विवाद
हीरो होंडा चौक के पास बसे गांव नरसिंहपुर में अभी तक भी पानी की निकासी को लेकर कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है, हर मानसून में दिल्ली- जयपुर हाईवे की सर्विस रोड पर ढाई से 3 फीट तक पानी भर जाता है। अब मानसून आने से पहले ही पानी की निकासी को लेकर व्यवस्था करना शुरू कर दिया गया है। जमीन अधिकरण को लेकर भी विवाद चल रहा है, पिछले 5 सालों से इस विवाद को नहीं सुलझाया जा सका है।